Om Banna Kon The (ॐ बन्ना का जीवन परिचय)
ओम बन्ना (Om Banna) उर्फ ओम सिंह राठोड़, ओम बन्ना का जन्म विक्रम सम्वत २०२१ में वैशाख सुदी की चांदनी अष्ठमी को राजस्थान के चोटिला गाँव मे हुआ था | जो की राजस्थान मे जोधपुर – अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर पाली जिले के नजदीक स्थित है | ओम बन्ना (Om Banna) के पिताजी का नाम जोग सिंह जी राठोड था | जो की चोटिला गाँव के सरपंच थे | ओम बन्ना को मोटर साइकल चलाने का बहुत शौक था | ओम बन्ना जरूरतमंदो की मदद करने वाले इंसान थे | आज पूरा विश्व ओम बन्ना को ओम बन्ना, राठोड बन्ना, बुलेट बाबा, चोटिला राजा आदि नामो से जनता है | Om banna temple पर इनके बुलेट की पुजा की जाती है |
Om Banna Temple (ॐ बन्ना का मंदिर)
राजस्थान के पाली जिले के चोटिला गांव में स्थित ओम बन्ना मंदिर om banna mandir, जिसे ओम बन्ना तीर्थ या बुलेट बाबा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, एक अनूठा आध्यात्मिक स्थल है जो पर्यटकों और भक्तों को समान रूप से आकर्षित करता है। यह मंदिर om banna temple एक स्थानीय किंवदंती को समर्पित है, जहाँ ओम बन्ना नाम के एक युवक की मोटरसाइकिल दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गई थी। कहा जाता है कि उनकी बाइक, बुलेट, कई बार रहस्यमय तरीके से दुर्घटना स्थल पर लौट आई थी, जिससे ग्रामीणों को उनके सम्मान में एक मंदिर बनाने की प्रेरणा मिली।
आगंतुक न केवल प्रिय बुलेट मोटरसाइकिल को देखने अपितु वह स्थितअनुष्ठानों को देखने के लिए भी इस असाधारण मंदिर om banna temple में आते हैं। ओम बन्ना मंदिर om banna temple भक्ति, विश्वास और आध्यात्मिक और सांसारिक के प्रतिच्छेदन का प्रतीक है। भारत की जीवंत विरासत में संस्कृति, मिथक और श्रद्धा को जोड़ने वाले अविस्मरणीय अनुभव के लिए इस उल्लेखनीय स्थल का अन्वेषण जरूर करें।
ओम बन्ना (Om Banna) कैसे ओम सिंह से श्री ओम बन्ना सा बने (Om Banna Temple)
जैसा की आप सब को पता है ओम बन्ना (Om Banna) पहले ओम सिंह राठोड़ के नाम से जाने जाते थे | अपने ससुराल से घर जाते वक़्त बीच मे उनकी मोटरसाइकल दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी | जिसमे उनकी मृत्यु हो गयी थी | परंतु मृत्यु के बाद भी उनके तथा उनकी मोटरसाइकल के चमत्कार की वजह से लोगो के बीच ओम बन्ना के लिए श्रद्धा बढती गयी | चूंकि राजपूत युवा लड़को को सम्मान के लिए बन्ना बोला जाता है | इसलिए ओम सिंह राठोड़ को भी उनके चमत्कार की वजह से ओम बन्ना के नाम से जाना जाने लगा | इस तरह इनके मोटरसाइकल की om banna temple मे पुजा होने लगी |
ओम बन्ना (Om Banna Story) की पूरी वास्तविक कहानी
ओम बन्ना, जिन्हें ओम सिंह राठोड (Om Singh Rathod) के नाम से भी जाना जाता है, के बारे में जैसा कि हमने पहले बताया, उन्हें मोटरसाइकिल चलाने का शौक था। 2 दिसम्बर 1988 की शाम को, जब ओम बन्ना अपनी मोटरसाइकिल लेकर अपने ससुराल से घर की ओर जा रहे थे, तभी एक भयानक हादसा हुआ। जब वे पाली से लगभग 20 किलोमीटर दूर पहुँचे, तब उनकी मोटरसाइकिल एक जाल के पेड़ से टकरा गई। इस टक्कर के परिणामस्वरूप, उसी स्थान पर ओम बन्ना की दुखद मृत्यु हो गई।
इसके तुरंत बाद, पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त मोटरसाइकिल को अपने कब्जे में लेकर थाने में जमा कर दिया। हालाँकि, अगली सुबह एक रहस्यमयी घटना घटी; वह मोटरसाइकिल फिर से उसी स्थान पर पाई गई, जहाँ दुर्घटना हुई थी। इसके बाद, पुलिस ने पुनः मोटरसाइकिल को थाने में लाकर सुरक्षित रखने के लिए लॉक कर दिया। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, मोटरसाइकिल फिर से उसी दुर्घटनास्थल पर मिल गई। धीरे-धीरे, यह घटना गाँववालों के बीच चर्चा का विषय बन गई।
इसके अलावा, एक रात ओम बन्ना की दादीसा ने एक सपना देखा। इस सपने में, ओम बन्ना ने आकर उनसे आग्रह किया कि उनकी मोटरसाइकिल को उस स्थान पर रखा जाए, जहाँ दुर्घटना हुई थी। नतीजतन, गाँववालों ने इसे मृत आत्मा की अंतिम इच्छा मानते हुए मोटरसाइकिल को उस स्थान पर रख दिया। इसके बाद, इस चमत्कार की चर्चाएँ हर दिशा में फैलने लगीं।
अंततः, उस जगह पर एक मंदिर, जिसे अब ओम बन्ना मंदिर (Om Banna Temple) के रूप में जाना जाता है, का निर्माण किया गया। धीरे-धीरे, यह स्थान श्रद्धा और आस्था का केंद्र बन गया। इस तरह, ओम बन्ना के चमत्कार की प्रसिद्धि न केवल गाँव में, बल्कि पूरे विश्व में फैलने लगी।
ओम बन्ना का एक्सिडेंट कैसे हुआ
जैसे की ऊपर बताया गया की 2 दिसम्बर 1988 को जब ओम बन्ना (Om Banna) अपने ससुराल से लौट रहे थे तो उनकी मोटरसाइकल एक जाल के पेड़ से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी | टक्कर भीषण होने के कारण उसी समय उनकी मृत्यु हो गयी थी |
ओम बन्ना की मृत्यु कब हुई
ओम बन्ना की मृत्यु 2 दिसम्बर 1988 को हुई थी | उनकी मोटरसाइकल एक जाल के पेड़ से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी |
ॐ बन्ना (Om Banna) के चमत्कार
मोटरसाइकल से चमत्कार के बाद स्थानीय लोगो को अक्सर ओम बन्ना (Om Banna) उस जगह पर दिखाई देने लगे | वे लोगो को होने वाली दुर्घटना का आभास पहले से ही कराने लगे या उनके वाहन को धीरे करने लगे | जिससे लोग दुर्घटना से बच सके |
इस तरह लोगो के बीच उनकी श्रद्धा बढने लगी | राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुजरने वाला हर एक वाहन इस om banna temple मंदिर पर रुककर ओम बन्ना को नमन करके आगे बढते है | दूर दूर से लोग यहा आकर अपनी श्रद्धा प्रकट करते है | जिससे हर समय इस मंदिर om banna temple पर भक्तो की भीड़ लगी रहती है | लोग इनकी मोटरसाइकल से मन्नते मांगते है |
ओम बन्ना (Om Banna) की वास्तविक फोटो
ओम बन्ना की वास्तविक फोटो नीचे दी गयी है | Om Banna Real Photo. Om Banna Original Photo.
ओम बन्ना के बुलेट का नंबर (Om Banna Bullet Number)
जैसे की हमने पहले ही बताया ओम बन्ना को मोटरसाइकल चलाने का बहुत शौक था | Om banna ke bullet ka number RNJ 7773 hai.
ओम बन्ना क्या काम करते थे
जब ओम बन्ना की मोटरसाइकल दुर्घटनाग्रस्त हुई थी | तब ओम बन्ना की आयु केवल 24-25 वर्ष के आसपास थी | ओम बन्ना उस समय युवा अवस्था मे थे |
ॐ बन्ना का परिवार (Om Banna Family)
ओम बन्ना के बेटे का नाम महापराक्रम सिंह राठौड़ है | उनकी पत्नी का नाम उर्मिला कंवर है | तथा उनके पिताजी का नाम जोग सिंह जी राठोड है |
ओम बन्ना मंदिर (Om Banna Temple) कैसे पहुंचे
Om banna dham kaise pahunche.
ओम बन्ना धाम (Om Banna Temple) पहुँचने के कई तरीके उपलब्ध हैं, और इनका चयन आप अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं:
- हवाई यात्रा से: सबसे पहले, यदि आप हवाई जहाज से यात्रा कर रहे हैं | तो आपको जोधपुर या उदयपुर हवाई अड्डे पर उतरना होगा। इसके बाद, आप बस, टैक्सी, या कार के माध्यम से आसानी से ओम बन्ना धाम पहुँच सकते हैं। ध्यान दें कि यह मंदिर जोधपुर और पाली के बीच, 65 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है।
- जोधपुर से: इसके अलावा, यदि आप जोधपुर से यात्रा कर रहे हैं, तो आप टैक्सी बुक करके सीधे ओम बन्ना मंदिर पहुँच सकते हैं। जोधपुर से यह मंदिर काफी निकट है, इसलिए यह एक सुविधाजनक विकल्प है।
जय श्री ओम बन्ना सा री |
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